बदइंतजामी:जीजी फ्लाईओवर में 85 वाटर होल बनाए गए, एक को भी जमीन से नहीं जोड़ा

Updated on 19-05-2025 12:02 PM

किसी भी शहर का वाटर लेवल, वहां का तापमान घटाने-बढ़ाने में मददगार रहता है। राजा भोज के शासनकाल की बात करें तो तालाबों से घिरे भोपाल का तापमान 30-35 डिग्री से ज्यादा नहीं होता था। धीरे-धीरे तालाबों में पानी कम होता गया, जिससे जमीन के नीचे जलस्तर भी घटता चला गया और आज भोपाल के कई इलाकों में जमीन के नीचे पानी जल्दी मिलता ही नहीं है।

इसका असर ये है कि भोपाल का तापमान भी अब 42-45 डिग्री तक पहुंचना आम हो गया है। मेरी एक स्टडी में यह बात सामने आई है। ज्यादा से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग करके इस स्थिति को सुधारा जा सकता है।

शहर के नए फ्लाईओवर को ही देखिए। करीब 150 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए जीजी फ्लाईओवर (अंबेडकर सेतु) में 85 वाटर होल बनाए गए हैं, लेकिन एक को भी जमीन से नहीं जोड़ा गया है। यानी इस पूरे फ्लाईओवर से गिरने वाला वर्षा जल सड़क पर बह जाता है। इसके एक होल का पैमाना 2 लीटर पर सेकंड (एलपीएस) है।

यानी हर एक वाटर होल से 2 लीटर पानी प्रति सेकंड बह जाता है। 85 वाटर होल की गणना करें तो इनसे हर सेकंड 170 लीटर पानी बह जाता है, जबकि हर एक मिनट में करीब 10200 लीटर पानी, यूं ही बह जाता है। इसे घंटे फिर दिन फिर पूरे वर्षाकाल से गुणा करते हुए अंदाजा लगाएं कि हम केवल एक प्रोजेक्ट से कितना पानी बर्बाद कर रहे हैं।

यदि रेन वाटर हार्वेस्टिंग से 30% वर्षा जल भी जमीन के नीचे पहुंचा दिया जाए तो न केवल पूरे शहर का जलस्तर सुधरेगा, बल्कि तापमान में भी गिरावट आएगी।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग करें तो शहर का तापमान भी कम होगा

सेमी क्रिटिकल कैटेगरी में है भोपाल सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की ताजा रिपोर्ट में भोपाल को सेमी क्रिटिकल कैटेगरी में रखा गया है। शहर में ऐसे कई स्थान हैं, जहां 500 फीट पर भी पानी उपलब्ध नहीं है। भोपाल में 2859.06 हेक्टेयर मीटर में से 2271.72 हेक्टेयर मीटर पानी निकाला जा रहा है। यानी 79.46% भूजल का उपयोग किया जा रहा है। ऐसा केवल इसलिए क्योंकि बरसात में ग्राउंड वाटर कम रीचार्ज हुआ है। ये रीचार्ज आरडब्ल्यूएच लगाने से ही हो सकेगा।

एआई से बदलेंगे मैनेजमेंट ​सिस्टम

  • मैनिट भोपाल के प्रोफेसर कृष्ण कुमार धोटे बताते हैं कि एआई, मशीन लर्निंग टूल्स और डिजिटल ट्विन तकनीक की मदद से शहरों का वर्चुअल मॉडल तैयार किया जा सकता है।
  • तकनीक की मदद से रियल टाइम डेटा का विश्लेषण करके पब्लिक ट्रांसपोर्ट, वाटर मैनेजमेंट, ठोस कचरा निपटान आदि में बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं।
  • इससे भविष्य की समस्याओं जैसे बाढ़, गर्मी, जल संकट आदि का पूर्वानुमान लगाना आसान हो जाता है। इससे न केवल बेहतर शहरी योजना बनाई जा सकती है, बल्कि संसाधनों का भी कुशल प्रबंधन हो सकता है।
  • साथ ही हम ग्रीन सिटीज को बढ़ावा दे सकते हैं। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट की प्रोफेसर डॉ. रामा पांडे ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में वाटर सेंट्रिक प्लानिंग (डब्ल्यूएसपी), ग्रीन ट्रांसपोर्ट व ऊर्जा दक्ष भवन जैसे मॉडल अपना कर शहरों को अधिक पर्यावरण अनुकूल बना सकते हैं।​​​​​​​

केंद्र सरकार ने दिए हैं प्रबंधन के निर्देश ..

 मप्र हाउसिंग बोर्ड की ओर से आयोजित इस सेमिनार का शुभारंभ बोर्ड कमिश्नर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने किया। यहां बताया गया कि केंद्र सरकार ने हर राज्य सरकार को प्रमोटिंग ग्रीन एंड सस्टेनेबल सिटीज का प्रबंधन करने के निर्देश दिए हैं।



अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 19 May 2025
12 मई को बाणगंगा इलाके में हुए दर्दनाक हादसे में एक डॉक्टर युवती की जान चली गई। युवती सिग्नल पर स्कूटी से खड़ी थी, तभी एक फिटनेस एक्सपायर स्कूल बस…
 19 May 2025
भोपाल में भेल के 64 साल के रिटायर्ड अधिकारी जॉर्ज कुरियन की सुपारी देकर हत्या कराने वाली पत्नी बिट्टी जॉर्ज का कबूलनामा चौंकाने वाला है। पति की हत्या की साजिश…
 19 May 2025
मध्यप्रदेश सरकार अपने 10 लाख से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों और पेंशनर्स के इलाज की व्यवस्था कैशलेस करने जा रही है। ‘सीएम केयर’ नाम से एक योजना जल्द आएगी, जिसमें शासकीय सेवक…
 19 May 2025
किसी भी शहर का वाटर लेवल, वहां का तापमान घटाने-बढ़ाने में मददगार रहता है। राजा भोज के शासनकाल की बात करें तो तालाबों से घिरे भोपाल का तापमान 30-35 डिग्री…
 19 May 2025
भोपाल में रविवार को विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर कई प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। इन्हीं में एक बेहद खास प्रदर्शनी रही, जिसमें 38,000 से अधिक माचिसें और 40…
 19 May 2025
मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के एक अफसर का अपने कर्मचारी से रुपए मांगने का ऑडियो सामने आया है। ऑडियो भोपाल जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ओपी शर्मा…
 19 May 2025
ट्यूमर, हृदय रोग या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की जांच से लेकर इलाज की सबसे आधुनिक तकनीक 6 जून 2025 को एम्स भोपाल में शुरू होनी थी। लेकिन, अब तक 58 करोड़…
 19 May 2025
भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र में एक महिला से रेप का मामला सामने आया है। पीड़िता रविवार को मिसरोद थाने पहुंची थी, जहां देर रात तक उसकी काउंसलिंग चलती रही।…
 19 May 2025
भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के प्रभाव से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के जिलों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, 21 मई…
Advt.